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Sachin pilot ने बीजेपी में जाने से किया इनकार

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Sachin pilot ने कहां है कि वह बीजेपी में नहीं जाएंगे। सचिन ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए उन्होंने बहुत बड़ी मेहनत की थी। वही राजस्थान के कुछ नेता उन्हें बीजेपी में शामिल होने की अफवाह उड़ा रहे हैंवह ऐसा नहीं करने वाले हैं

कोई स्टॉप वही राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट समेत कुल 9 विधायकों को नोटिस भेजा है और उनसे उनका जवाब 17 जुलाई तक मांगा है।

वही सीएलपी की बैठक में सचिन पायलट समेत उनके समर्थक भी नहीं आए थे इसी को लेकर राजस्थान सरकार ने विप चीज वी चीफ महेश जोशी ने स्पीकर के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई थी

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वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर सचिन पायलट ने इंटरव्यू देते हुए कहा कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री से नाराज नहीं है इसी इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा कि मैं उनसे नाराज नहीं हूं और मैं कोई विशेषाधिकार मांग भी नहीं रहा बल्कि सब यही चाहते हैं कि राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस ने जो भी वादा किया था

वह उसे पूरा करें वही वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ हमने अवैध खनन का मुद्दा उठाया था पर गहलोत जी ने सत्ता में आने के बाद इस मामले में कुछ खास नहीं किया है और वह भी उसी रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।

इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा है कि राजस्थान में पिछले साल हाईकोर्ट में 2017 को वसुंधरा राजे के संशोधन को खारिज किया था जिसमें उन्होंने सरकारी बंगला जयपुर में हमेशा के लिए मिल गया था और राजस्थान सरकार गहलोत को बंगला उनसे खाली करवाना चाहिए था लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट के इस दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में जाकर चुनौती दी।

सचिन पायलट ने कहा है कि अशोक गहलोत बीजेपी की राह पर ही चल रहे हैं और उन्हें ही मदद कर रहे हैं और वह मेरे समर्थकों को और मुझे राजस्थान के विकास के लिए भी काम नहीं करने दे रहे हैं उन्होंने नौकरशाहों से कह दिया है कि वह मेरी निर्देशों का पालन भी नहीं करें फाइलें तो मेरे पास आती भी नहीं है और सीएलपी की बैठक महीनों से नहीं हुई है तो ऐसे में उस पद का क्या ही मतलब जिस पर रहकर मैं लोगों से किए हुए वादों को पूरा नहीं कर सकता।

इंडिया टुडे को दिए गए इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा है कि यह मुद्दा मैंने पहले भी कई बार उठाया है मैंने राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे जी से कई बार कहा है और सीनियर नेताओं से भी कहा है और इस बारे में मैंने गलत जी से भी जाकर कई बार बात की है पर इसका कोई फायदा नहीं हुआ और मंत्रियों और विधायकों के साथ शायद ही कोई बैठक हुई

जो कि मेरे आत्मसम्मान को चोट पहुंची है। और राजस्थान की पुलिस ने के मामले में मुझे नोटिस भी भेजा है।

वहीं कांग्रेस ने 2019 में लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में सेडिशन का कानून हटाने को वादा किया था और यहां पर रह रही कांग्रेस की सरकार अपनी ही मंत्री के खिलाफ इसी कानून का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रही है और यह कदम अन्याय के खिलाफ है वही पार्टी के लिए भी तभी वैध होता जब विधानसभा चल रही है।

वहीं विधायक दल की बैठक भी मुख्यमंत्री ने अपने ही घर पर बुलाई। यह बैठक भी कम से कम पार्टी मुख्यालय में ही बुला लेते।

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