PM मोदी ने लद्दाक पहुचने के बाद कि थी सिन्धू दर्शन् और पूजा , और चीन को भी दिया सख्त् संदेश
चीनी सीमा पर तैनात जवानो का होसला बढाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना किसी को संदेश दिये और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के शुक्रवार सुबह् लेह से करीब 25 किलोमीटर दूर न्योमा पहुंचे. फिर लद्दाख में फॉरवर्ड ब्रिगेड में नीमू पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु दर्शनऔर पूजा की.
- पीएम मोदी न्योमा लेह से करीब 25 किलो मीटर दूरपहुंचे थे
- प्रधानमंत्री मोदी ने फॉरवर्ड ब्रिगेड में सिंधु दर्शन और पूजा की
इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मौजूद थे.
लेह हवाई अड्डे पर शुक्रवार कि सुबह 7:00 बजे वायुसेना के विशेष विमान से उतरने के बाद प्रधानमंत्री मोदी हेलिकॉप्टर में सवार होकर सीधे न्योमा पहुंचे.
वहां पीएम नरेन्द्र मोदी को नॉर्दर्न कमांड के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ मतभेदों को लेकर जमीनी हालात की जानकारी दी.
अपने दौरे के लिए पीएम मोदी ने लेह से 25KM दूर न्योमा को ही क्यों चुना?
न्योमा में सेना की ब्रिगेड हेडक्वॉर्टर के साथ-साथ कई सैन्य रेजिमेंट के बटालियन हेडक्वॉर्टर हैं, और इतना ही नही यह जगह भारत के इतिहास के साथ जुड़ी सिंधु नदी के किनारे पर है.
इसीलिये प्रधानमंत्री मोदी को सिंधु नदी के किनारे पर ही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के सभी हालात की जानकारी सैन्य कमांडर के द्वारा दी गई. सिंधु दर्शन के मेले का आयोजन हर साल जून या जुलाई के महीने में ही होता है, जिसकी शुरुआत नब्बे के दशक में ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणीजी ने की थी. हालांकि इस मेले का आयोजन इस साल कोरोना वायरस के चलते नहीं हो पाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने न्योमा में सेना के जवानों को भी संबोधित किया. इसी दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने नाम लिए बिना चीन पर निशाना भी साधा था. पीएम नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि विस्तारवाद का युग खत्म हो चुका है और अब विकासवाद का समय आ गया है. तेजी-से बदलते हुए समय-में विकासवाद ही प्रासंगिक है. विकासवाद के लिए अवसर भी है और विकास-वाद ही भविष्य का आधार भी है.