नेपाल ने रोका बांध का काम
आपको बता दे कि नेपाल भारत के बीच बढ रहे तनाव के कारण नेपाल ने बांध का काम रोक दिया हैं। बिहार और नेपाल का सबंध जग जाहिर रहा हैं। ऐसे मे यदि नेपाल ने बांध के निर्माण मे कोई विघ्न उत्पन्न किया तो उससे सबसे ज्यादा नुकसान बिहार को ही होगा।
बिहार मे मानसून प्रवेश कर चुका हैं। हर वक्त झमाझम बारिश होती ही रहती हैं। बिहार मे स्थित अधिकतर नदियो का उद्गम नेपाल से ही होता हैं। ऐसी स्थिती मे नेपाल ने यदि बांध बनाना बंद कर दिया तो बिहार मे वर्ष 2008 और 2017 की तरह जल प्रलय उत्पन्न हो जायेगा।
बिहार मे कोसी और गंडक प्रमुख नदिया हैं। कोसी नदी का जलस्तर बारिश के कारण बढने लगता है और अभी भी कोसी नदी का जलस्तर बढ रहा है। जिसके कारण बिहार मे जल प्रलय आने की संभावना अधिक हो गयी है।
भारत और नेपाल के बीच बढ रहे तनाव को देख कर नेपाल के सरकार ने गंडक नदी के बांध के निर्माण कार्य को स्थगित कर दिया हैं। इससे बिहार मे खतरा मंडरा रहा है। वर्ष 2017 की तरह इस बार भी बाढ आने की संभावना बढ रही है।
केवल इतना ही नही बल्कि नेपाल सरकार ने अपने नियमो में ओर भी कई बदलाव किए हैं।
नेपाल की सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी ने यह फैसला किया कि अब विदेशी महिला जो कि नेपाली पुरुषो के साथ विवाह करेगी उसे तुरंत नेपाल की नागरिकता नही दी जाएगी। उस महिला को सात वर्ष के बाद नेपाल की नागरिकता दी जाएगी अर्थात अगर कोई भारतीय महिला किसी नेपाली पुरुषो के साथ विवाह करती हैं तो उसे विवाह के बाद सात सालो तक नेपाल की नागरिकता पाने के लिये इंतजार करना होगा इतने वर्षो तक नेपाल के सभी अधिकारो से वंचित रहना होगा नागरिकता प्रमाण पत्र न होने पर भी आम महीलाये किसी भी अन्य सुविधाओ का उपयोग कर सकती हैं ,लाभ उठा सकती हैं, शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं , व्यवसाय कर सकती हैं किंतु विवाह करने के पश्चात उन्हे इन सभी अधिकारो को प्राप्त करने के लिये 7 वर्षो तक इंतजार करना होगा।
विपक्षी दल नेपाली काँग्रेस और जनता समाज पार्टी ने इन नियमो का विरोध किया और कहा कि इन नियमो से सामान्य जनता को दिक्कते हो सकती हैं। ये दोनो पार्टी इस नियम से खुश नही हैं। चुंकि कम्युनिस्ट पार्टी को बहुमत प्राप्त हैं इसलिये कदाचित यह नियम जल्द ही पास हो जायेंगे।