आँख वाला अँधा
एक दिन राजा ने सभी दरबारियों के बिच गोनू झा से पूछा की मुझे ये बताइये की संसार में कितने आँख वाले और कितने अंधे है। यह सुनकर गोनू झा बोले की संसार में सभी अंधे है। सिर्फ मैं ही आँख वाला हु। राजा ने कहा की इसका कुछ प्रमाण आप दे सकते है। गोनू झा हँसते हुए बोले की दो चार दिन में मई इसका प्रमाण अवश्य दूंगा
दूसरे दिन राजा अपनी सेना के साथ शिकार खेलने जा रहे थे। उनके प्रस्थान करने के पहले ही गोनू झा रस्ते के किनारे बैठकर रस्सी बाटने लगे। राजा उसी रस्ते में शिकार करने निकले। जैसे ही राजा की नज़र गोनू झा पर पड़ी राजा झट गोनू झा से पूछ बैठे – गोनू झा यहाँ सड़क के किनारे आप क्या कर रहे है ?
गोनू है हंसकर बोले धर्मावतार ! हुजूर का नाम भी आज अंधे के खाते में ले रहा हु। राजा ने कहा क्यों ? गोनू झा बोले हुजूर ने मुझसे अन्धो का हिसाब पूछा था। हुजूर साफ़ देख रहे है के हम डोरी बाँट रहे है तब भी पूछ रहे है की तुम क्या कर रहे हो। यही हुजूर के अँधा होने का प्रमाण है।
राजा खुश होकर उहे खूब इनाम दिए।